आयुर्वेद का चमत्कार सिर्फ 5 मिनट में हो जायेगा किडनी का दर्द छूमंतर
November 29, 2016 Sehatnama

अगर आपको भी कमर के पीछे यहाँ पर दर्द होता है तो ये दर्द किडनी का हो सकता है. जो किडनी की कई बिमारियों का संकेत हो सकता है. आज हम आपको एक ऐसा प्रयोग बताने जा रहें हैं जिस से किडनी के दर्द से तडपते रोगी को भी 5 मिनट में आराम आ जायेगा. यह प्रयोग अनेक बार आजमाया गया और सफल पाया गया है.
सर्वप्रथम हम धन्यवाद करेंगे स्व. श्रीमान डॉक्टर दिलवर हसनखान भट्टी का जिन्होंने यह योग “अनुभूत चिंतामणि” में छपने के लिए भेजा था. इस योग में अगर उनका नाम ना बताएं तो गलत होगा.
आइये अब जाने इस योग की विधि.
इस योग के लिए ज़रूरी सामान.
यवक्षार – लोटा सज्जी – सुहागा कच्चा – नोशादर – काली मिर्च – सेंधा नमक – सफ़ेद नमक – हीरा हींग – कलमी शोरा .
उपरोक्त सभी 9 चीजों को बराबर बराबर मात्रा में लेना है. (उपरोक्त सभी चीजें आपको किसी भी पंसारी के पास से या आयुर्वेद दवा केंद्र से मिल जाएँगी.
इसके साथ में सिरका लेना है ज़रूरत के अनुसार.
उपरोक्त सभी 9 चीजों को लेकर बारीक पीसकर इसमें सिरका मिला लीजये, सिरका इतना ही मिलाना है के उपरोक्त पीसे हुए सामान की चटनी बन जाए. जिस प्रकार घर में दूसरी चटनी बनाई जाती है, ठीक वैसे ही.
सेवन की विधि.
इस चटनी को 15 – 15 मिनट के अन्तराल से आधा आधा चम्मच (3 ग्राम.) लेकर रोगी को चटायें. चटाने का अर्थ है ये सीधी निगलनी नहीं जीभ से चाटना है इसको. हकीम साब के अनुसार पहली खुराक लेते ही पीड़ा शांत हो जाती है अगर नहीं हो तो दूसरी या तीसरी खुराक लेने की ज़रूरत पड़ती है.
जब व्यक्ति स्वस्थ हो जाए अर्थात पीड़ा से मुक्त हो जाए तो हजरुल यहूद भस्म (इसको संगे यहूद भस्म भी कहते हैं.) दो रत्ती निराहार (अर्थात बिना भोजन किये हुए खाली पेट, शौच जाने के बाद) एक महीने तक देते रहें. इश्वर की कृपा से रोग की पुनरावृति नहीं होगी.
हजरुल यहूद भस्म आपको बैद्यनाथ या हमदर्द या किसी भी बड़ी फार्मेसी की दूकान से मिल जाएगी.
इस प्रयोग को गर्भवती स्त्रियाँ ना करें, या प्रेगनेंसी के तुरंत बाद भी इसका प्रयोग ना करें. या फिर अपने डॉक्टर या वैद के दिशा निर्देश में ये प्रयोग करें.
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