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ayurved (stone medicien)

पत्थरचट जिसको पखानबेद भी कहते हैं इसके 12 – 15 पत्ते. (ये पौधा आपको किसी भी नर्सरी में मिल जायेगा).
जवाखार 15 – 20 ग्राम. (ये किसी अच्छे विश्वसनीय पंसारी से लीजिये, क्यूंकि इसमें मिलावट भी आती है, प्रयोग की सफलता के लिए उच्च कोटि की जवाखार चाहिए.) असली जवाखार करीब रेत के रंग का होता है.
प्रयोग की विधि.
पत्थरचट के पत्तों को अच्छे से धो कर मिक्सर में डाले और उसमे एक गिलास पानी और जवाखार भी डाले फिर मिक्सर में करीब 4-5 मिनट तक उन्हें अच्छे से क्रश कर लें. अब इसमें 7 गिलास पानी और डाल लीजिये. अब इस को अच्छे से मिक्स कर के कांच के बर्तन में भरें और उसको छानना नहीं है ऐसे ही इस्तेमाल करना है. अभी आपके पास 8 गिलास लिक्विड है. एक दिन में 4 गिलास पीने हैं. 4 घंटे के अंतर में एक गिलास पीना है. दिन में 4 गिलास पीने हैं. और बाकी के चार गिलास अगले दिन पीने हैं. और इसके साथ हर आधे घंटे के बाद मटके का शुद्ध पानी पीना है. और ये दो दिन हो सके तो पूरा रेस्ट करना है. इन दो दिनों में बहुत पेशाब लगेगी. और हर बार छन्नी से अपना मूत्र छाने, आपको रेत जैसे कण दिखाई देंगे जो इस प्रयोग के सफल होने की और इशारा करेंगे.
इस प्रयोग के एक हफ्ते के बाद आप दोबारा पथरी के लिए जांच करवाएं, यदि थोड़ी पथरी रह गयी हो तो एक हफ्ते या पंद्रह दिनों के बाद फिर से यह प्रयोग करे. इस प्रयोग से 80 % केसेस में पथरी कितनी भी बड़ी हो वो निकल जाती है. ज़्यादातर केसों में इस प्रयोग के बाद ऑपरेशन करवाने की नौबत नहीं आती.

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