लखनऊ :मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत निजी स्कूलों में गरीब बच्चों के दाखिले की प्रक्रिया को राजस्थान और महाराष्ट्र की तर्ज पर ऑनलाइन करने का निर्देश दिया है।
इसके लिए उन्होंने नेशनल इन्फॉर्मेटिक्स सेंटर (एनआइसी) के जरिये एक महीने में सॉफ्टवेयर तैयार कराकर उसका इस्तेमाल शुरू किये जाने की अपेक्षा की है।
इस सिलसिले में मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से सचिव बेसिक शिक्षा को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत अब तक प्रदेश में लगभग 20 हजार गरीब बच्चों को निजी स्कूलों में दाखिला दिलाया जा चुका है।
आने वाले वर्षों में यह संख्या बढऩे की संभावना है। अभी निजी स्कूलों में गरीब बच्चों की प्रवेश प्रक्रिया मैनुअल है। इसके कारण भविष्य में आवेदनों की संख्या बढऩे पर विलंब और अव्यवस्था हो सकती है।
राजस्थान और महाराष्ट्र में शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत निजी स्कूलों में गरीब बच्चों के दाखिले के लिए ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित करने की व्यवस्था है।
इसकी वजह से इन राज्यों में आवेदनों की प्रोसेसिंग कम समय में पारदर्शी और सुव्यवस्थित तरीके से होती है और ऑनलाइन मैनजमेंट इन्फार्मेशन सिस्टम (एमआइएस) भी जेनरेट होता है।
लिहाजा उप्र में भी शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत निजी स्कूलों में गरीब बच्चों के दाखिले की व्यवस्था को पूरी तरह ऑनलाइन किया जाए।
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