अरीठे या रीठा (Soap nut) के फल में से बीज निकाल कर शेष भाग को लोहे की कढाई में डालकर आंच पर तब तक चढ़ाए रखे जब तक वह कोयला न बन जाए जब वह जल कर कोयले की तरह हो जाए तब आंच पर से उतार कर सामान मात्रा में पपडिया कत्था मिलाकर कपडछन (सूती कपडे से छान कर) चूर्ण कर ले बस अब ये औषिधि तैयार है।
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➡ औषिधि सेवन करने का तरीका :
इस तैयार औषिधि में से एक रत्ती (125मिलीग्राम ) लेकर मक्खन या मलाई के साथ सुबह-शाम लेते रहे, इस प्रकार सात दिन तक दवाई लेनी होती है।
इस औषिधि के मात्र सात दिन तक लेते रहने से ही कब्ज, बवासीर की खुजली, बवासीर से खून बहना आदि दूर होकर मरीज को राहत महसूस करने लगता है।
यदि मरीज इस रोग के लिए सदा के लिए छुटकारा पाना चाहे तो उन्हें हर छ: महीने के बाद फिर से 7 दिन का यह कोर्स बिलकुल इसी प्रकार दोहरा लेना चाहिए।
इस तैयार औषिधि में से एक रत्ती (125मिलीग्राम ) लेकर मक्खन या मलाई के साथ सुबह-शाम लेते रहे, इस प्रकार सात दिन तक दवाई लेनी होती है।
इस औषिधि के मात्र सात दिन तक लेते रहने से ही कब्ज, बवासीर की खुजली, बवासीर से खून बहना आदि दूर होकर मरीज को राहत महसूस करने लगता है।
यदि मरीज इस रोग के लिए सदा के लिए छुटकारा पाना चाहे तो उन्हें हर छ: महीने के बाद फिर से 7 दिन का यह कोर्स बिलकुल इसी प्रकार दोहरा लेना चाहिए।
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